2024 Adhik Maas Key Facts to Know

2024 Adhik Maas Key Facts to Know | 2025 अधिक मास: जानने योग्य प्रमुख तथ्य

2025 अधिक मास: जानने योग्य प्रमुख तथ्य

अधिक मास, जिसे मलमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय पंचांग में एक अद्वितीय महीना है। यह हर 2-3 साल में एक बार आता है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। अधिक मास को धार्मिक कर्मकांडों और आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम समय माना गया है। इस लेख में हम आपको 2025 अधिक मास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, ताकि आप इस समय का सदुपयोग कर सकें।

2024 Adhik Maas Key Facts to Know
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अधिक मास क्या है?

अधिक मास को चंद्र पंचांग की गणना में असंतुलन को ठीक करने के लिए जोड़ा जाता है। चंद्र वर्ष में 354 दिन होते हैं, जबकि सौर वर्ष में 365 दिन। इस अंतर को संतुलित करने के लिए हर 2-3 साल में एक अतिरिक्त मास जोड़ दिया जाता है। यह अतिरिक्त मास ही अधिक मास कहलाता है।

2025 अधिक मास की तिथियां

2025 में अधिक मास 17 मई से 15 जून के बीच रहेगा। यह समय धार्मिक गतिविधियों और विशेष पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना गया है।

2025 से 2030 तक अधिक मास की तिथियां

नीचे 2025 से 2030 के बीच आने वाले अधिक मास की तिथियां दी गई हैं:

वर्षअधिक मास का आरंभअधिक मास का समापन
202517 जुलाई16 अगस्त
202818 सितंबर16 अक्टूबर
203015 अगस्त13 सितंबर
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ध्यान दें: अधिक मास का निर्धारण चंद्र पंचांग के अनुसार होता है, इसलिए तिथियां स्थान और समय के अनुसार भिन्न हो सकती हैं।

अधिक मास का धार्मिक महत्व

अधिक मास को भगवान विष्णु का महीना माना जाता है। इस महीने में भक्त भगवान की पूजा, व्रत, जप और दान-पुण्य करते हैं। इस मास में पवित्र कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।
भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की आराधना करने से भक्तों को विशेष फल मिलता है।

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अधिक मास में किए जाने वाले कार्य

  1. धार्मिक अनुष्ठान: मंदिरों में पूजा-अर्चना और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।
  2. व्रत और उपवास: पूरे महीने व्रत रखने या सप्ताह में एक बार उपवास करने का संकल्प लें।
  3. दान-पुण्य: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, और धन का दान करें।
  4. आध्यात्मिक साधना: मंत्र जप, ध्यान और योग का अभ्यास करें।
  5. पवित्र स्नान: किसी पवित्र नदी में स्नान करें या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

अधिक मास में वर्जित कार्य

  • इस महीने में विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
  • भोग-विलास और अनैतिक गतिविधियों से बचना चाहिए।
  • नकारात्मक विचारों और क्रोध पर नियंत्रण रखें।

अधिक मास की पौराणिक कथा

अधिक मास से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है। कहा जाता है कि जब इस मास को किसी देवता ने स्वीकार नहीं किया, तो यह भगवान विष्णु के पास गया। भगवान ने इसे अपनाया और इसे “पुरुषोत्तम मास” का नाम दिया। तभी से अधिक मास को भगवान विष्णु का पवित्र महीना माना जाने लगा।

अधिक मास का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

अधिक मास केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह सौर और चंद्र वर्षों के बीच के अंतर को संतुलित करता है, जिससे पंचांग की गणना सटीक बनी रहती है।

2025 अधिक मास: धार्मिक आयोजन

अधिक मास के दौरान कई स्थानों पर भक्ति उत्सव, कथा, और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। भक्त इस समय धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं।

अधिक मास के लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: यह समय ध्यान और साधना के लिए आदर्श है।
  2. पारिवारिक शांति: भगवान विष्णु की पूजा से परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
  3. पापों का नाश: इस महीने किए गए धार्मिक कार्य पापों का नाश करते हैं।
  4. मानसिक शांति: ध्यान और जप से मन को शांति मिलती है।
  5. सकारात्मक ऊर्जा: यह समय आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।

2025 अधिक मास में क्या करें?

  • भगवान विष्णु के “विष्णु सहस्रनाम” का पाठ करें।
  • श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करें।
  • हर दिन सूर्योदय से पहले उठकर प्रार्थना करें।
  • अपने आसपास के लोगों की मदद करें और उनके चेहरे पर मुस्कान लाएं।
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निष्कर्ष

2025 का अधिक मास आध्यात्मिक जागरूकता और धार्मिक कर्मों के लिए उत्तम समय है। इस विशेष महीने में भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इस समय का सही उपयोग करें और अपने जीवन को बेहतर बनाएं।

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