2024 Aghan Amavasya Guide

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2024 अगहन अमावस्या गाइड

अगहन अमावस्या का महत्व

अगहन अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने, तर्पण और दान-पुण्य करने की परंपरा है। अगहन अमावस्या 2024 में भी इन अनुष्ठानों को करने का सर्वोत्तम समय मानी जाती है।

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2024 में अगहन अमावस्या की तिथि और समय

इस वर्ष अगहन अमावस्या 12 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त और तिथि की जानकारी इस प्रकार है:

  • अमावस्या तिथि का आरंभ: 11 दिसंबर 2024, रात 11:56 बजे
  • अमावस्या तिथि का समापन: 12 दिसंबर 2024, रात 10:47 बजे

इस दौरान किए गए पूजा-पाठ, दान और तर्पण से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

पौराणिक कथा

अगहन अमावस्या से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने ध्रुव को वरदान दिया था, जिससे वे अमर और नक्षत्रों में सबसे प्रमुख बने। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

अगहन अमावस्या का धार्मिक महत्व

अमावस्या का दिन पितृ कार्यों और भगवान की पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना गया है। इस दिन गंगा स्नान करने और पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है। साथ ही, यह दिन ध्यान और साधना के लिए भी उपयुक्त होता है।

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2024 से 2030 तक अगहन अमावस्या की तिथियां

आने वाले वर्षों में अगहन अमावस्या कब-कब आएगी, इसकी जानकारी नीचे दी गई है:

  • 2025: 20 दिसंबर
  • 2026: 9 दिसंबर
  • 2027: 28 नवंबर
  • 2028: 17 दिसंबर
  • 2029: 6 दिसंबर
  • 2030: 25 नवंबर

क्या करें अगहन अमावस्या पर?

  1. पवित्र स्नान:
    सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों या तालाबों में स्नान करें। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए लाभकारी है।
  2. पितरों को तर्पण:
    पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करें। इसे घर पर या किसी पवित्र स्थल पर भी किया जा सकता है।
  3. दान-पुण्य:
    जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  4. दीप जलाना:
    सूर्यास्त के समय घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर दीपक जलाएं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  5. पूजा और हवन:
    भगवान विष्णु, शिव और पितृ देवताओं की पूजा करें। यदि संभव हो, तो हवन करें और पवित्र मंत्रों का जाप करें।

अगहन अमावस्या पर क्या न करें?

  • अमावस्या के दिन क्रोध, झूठ बोलने और किसी को नुकसान पहुंचाने से बचें।
  • अनावश्यक खर्च और विलासिता से दूर रहें।
  • पेड़ों को काटने या जानवरों को नुकसान पहुंचाने से परहेज करें।

अगहन अमावस्या और ज्योतिषीय दृष्टिकोण

ज्योतिष में अगहन अमावस्या का खास महत्व है। यह समय ग्रहों की स्थिति को समझने और उनके प्रभाव को कम करने का होता है। इस दिन किए गए उपाय, जैसे रुद्राभिषेक, शनि पूजा और ग्रह शांति अनुष्ठान, कुंडली दोषों को कम करने में सहायक होते हैं।

अगहन अमावस्या के लाभ

  1. धार्मिक लाभ:
    पूजा-पाठ और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
  2. आध्यात्मिक शांति:
    नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर मन की शांति प्राप्त होती है।
  3. पुण्य फल:
    इस दिन किया गया दान कई गुणा अधिक फलदायी होता है।

अगहन अमावस्या का सामाजिक और पारिवारिक पहलू

यह दिन केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार के साथ समय बिताने और सामूहिक रूप से पूजा करने का भी होता है। इससे पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।

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निष्कर्ष

अगहन अमावस्या 2024 एक शुभ अवसर है, जब हम अपने पितरों को याद कर सकते हैं, उन्हें तर्पण अर्पित कर सकते हैं और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन किए गए पुण्य कार्य जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करते हैं। अगहन अमावस्या पर धार्मिक नियमों का पालन करते हुए पवित्रता और सरलता से इस दिन को मनाएं।

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