Adya Kali Puja Upcoming 2024-2030
आद्य काली पूजा
आद्य काली पूजा 2024 से 2030 की जानकारी
आद्य काली पूजा का धार्मिक महत्व और उसका प्रभाव सदियों से मान्यता प्राप्त है। हिंदू धर्म में काली माता को शक्ति और रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है। आद्य काली पूजा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और विशेष रूप से कोलकाता में मनाई जाती है। यह पूजा दीपावली के दिन की जाती है और इस दिन देवी काली की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

आद्य काली पूजा का महत्व
काली माता को तामसिक और रौद्र रूप में पूजा जाता है, लेकिन भक्तों के लिए वे मातृ स्वरूप में हमेशा रक्षा और आशीर्वाद देने वाली मानी जाती हैं। आद्या काली पूजा का दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो काली माता से सुरक्षा, शक्ति और शांति की कामना करते हैं। Adya Kali Puja Upcoming 2024-2030
पूजा की तिथियाँ:
आने वाले वर्षों में आद्य काली पूजा की तिथियां निम्नलिखित हैं:
- 2024: 1 नवंबर, शुक्रवार
- 2025: 20 अक्टूबर, सोमवार
- 2026: 8 नवंबर, रविवार
- 2027: 28 अक्टूबर, गुरुवार
- 2028: 16 अक्टूबर, सोमवार
- 2029: 4 नवंबर, रविवार
- 2030: 24 अक्टूबर, गुरुवार
काली पूजा के पीछे की पौराणिक कथा
माता काली का उल्लेख हिंदू धर्मग्रंथों में एक शक्तिशाली देवी के रूप में मिलता है, जो बुराई और अधर्म का नाश करने के लिए प्रकट होती हैं। उनके रूप में विनाशकारी शक्ति का प्रतीक है, लेकिन भक्तों के लिए वे माँ का रूप लेकर उनकी रक्षा करती हैं।
पूजा कैसे की जाती है
आद्य काली पूजा में देवी की मूर्ति को स्थापित किया जाता है और तामसिक (मांस, मदिरा आदि) भोग अर्पित किए जाते हैं। भक्तों द्वारा मंत्रोच्चारण, हवन और विशेष पूजा विधि का आयोजन किया जाता है। इस दिन काली माता की प्रतिमा की विशेष सजावट की जाती है, और पूरे दिन और रात तक पूजा का आयोजन चलता रहता है। भक्तगण माता के आगे दीप, फूल, धूप और प्रसाद चढ़ाते हैं।

काली पूजा का सांस्कृतिक महत्व
पश्चिम बंगाल में इस पूजा का सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है। काली पूजा के दौरान कोलकाता के मंदिरों और घरों में रोशनी की जाती है और शहर को दीपों से सजाया जाता है। यह पर्व दीपावली के दौरान मनाया जाता है, इसलिए इसे ‘बंगाल की दिवाली’ भी कहा जाता है।
भक्तों के लिए संदेश
इस पूजा के दौरान भक्त अपने मन की शांति और जीवन में सकरात्मक ऊर्जा पाने की प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति आद्य काली की सच्चे मन से पूजा करता है, उसे सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और वह अपने जीवन में शांति और सुख का अनुभव करता है।
काली पूजा और योग
कई योग साधक इस समय को ध्यान और साधना के लिए भी विशेष मानते हैं। काली माता की ऊर्जा ध्यान के लिए उपयुक्त मानी जाती है, इसलिए इस समय कई साधक अपने ध्यान और साधना के लिए विशेष अनुष्ठानों का पालन करते हैं।

समापन
आद्य काली पूजा, शक्ति की देवी काली की आराधना और उनके प्रति भक्तों की आस्था का प्रतीक है। पश्चिम बंगाल में इसे बहुत ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आने वाले सालों में, यह पूजा और भी विशेष होगी, क्योंकि हर वर्ष इस पूजा के प्रति लोगों की श्रद्धा और आस्था बढ़ती जा रही है। काली माता से जुड़े इस पर्व में लोग अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिए आद्या काली पूजा का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं।
इस प्रकार, 2024 से 2030 तक के आद्य काली पूजा की तिथियों के बारे में जानकर आप अपने पूजा की तैयारियाँ समय से कर सकते हैं और माता काली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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