Omkareshwar Temple Closing Time

​Omkareshwar Temple Closing Time | ओंकारेश्वर मंदिर का बंद होने का समय |

परिचय (Overview)

ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ की पवित्रता, ऐतिहासिक महत्व और अद्वितीय स्थापत्य कला इसे विशेष बनाते हैं। नर्मदा नदी के किनारे बसे इस मंदिर की अद्वितीयता और धार्मिक महत्ता हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

खुलने और बंद होने का समय व तिथियां (Open Close Timing and Dates)

दिनखोलने का समयOmkareshwar Temple Closing Time
सोमवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM
मंगलवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM
बुधवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM
गुरुवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM
शुक्रवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM
शनिवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM
रविवार Omkareshwar Temple Closing Time5:00 AM9:30 PM

यहाँ कैसे पहुंचें? (Location and How to Reach)

साधनमार्ग
हवाईनिकटतम एयरपोर्ट इंदौर
रेलनिकटतम रेलवे स्टेशन ओंकारेश्वर रोड
सड़कइंदौर से लगभग 80 किलोमीटर

ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित है। यह इंदौर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए आप हवाई, रेल और सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में है, और निकटतम रेलवे स्टेशन ओंकारेश्वर रोड है।

इतिहास (History)

ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था। इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता का पता चलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ के स्थानीय लोग और श्रद्धालु इस मंदिर को अति पवित्र मानते हैं और यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ओंकारेश्वर एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है, जो मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह नर्मदा नदी के एक द्वीप पर स्थित है जिसे मंधाता या शिवपुरी कहा जाता है। यह द्वीप “ॐ” के आकार का है, जिससे इस स्थान का नाम ओंकारेश्वर पड़ा है।

ओंकारेश्वर का मुख्य आकर्षण ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान शैव भक्तों के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है। मुख्य मंदिर के अलावा, यहाँ ममलेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर और केदारेश्वर मंदिर जैसे अन्य महत्वपूर्ण मंदिर और आध्यात्मिक स्थल भी हैं।

तीर्थयात्री और पर्यटक ओंकारेश्वर को इसके धार्मिक महत्व के साथ-साथ नर्मदा नदी की शांत सुंदरता और आकर्षक परिवेश के लिए भी पसंद करते हैं। यह स्थान ध्यान और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए आदर्श है।

निर्माणकर्ता कौन हैं? (Created By)

ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था, हालांकि इसके वास्तविक निर्माणकर्ता का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर विभिन्न राजवंशों और शासकों द्वारा समय-समय पर पुनर्निर्मित और संवर्धित किया गया था। ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण वेदमुर्त्य शिवरामभाट चित्रव द्वारा किया गया था, जो पेशवा काल के एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक गुरु और नागरीक वैज्ञानिक थे. मंदिर का निर्माण 1736 से 1738 के बीच किया गया.

वेदमुर्त्य शिवरामभाट चित्रव एक गहरे आध्यात्मिक गुरु थे और वे पेशवा काल के कई प्रमुख व्यक्तियों के आध्यात्मिक गुरु थे, जैसे चिमाजी आपा, नानासाहेब पेशवा, और बाबूजी नायक. वे ने महाराष्ट्र में कई मंदिरों की निर्माण और सुधार की शुरुआत की, जैसे गणेशखिंड मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, और केदारेश्वर मंदिर.

वेदमुर्त्य शिवरामभाट चित्रव ने ओंकारेश्वर मंदिर को निर्माण करके इसे पेशवा काल की विशेषता बना दिया। मंदिर का निर्माण पेशवा चिमाजी आपा के द्वारा व्यवस्थित किया गया था, जो भगवान शिव के गणेश आपा के नाम से जाने जाते थे. वेदमुर्त्य शिवरामभाट चित्रव का समाधि मंदिर के सामने है, जहाँ उनकी पत्नी अन्नपूर्णाबाई ने उनके साथ सती की थी.

इस स्थान के बारे में 5 प्रमुख जानकारियां (Top 5 Facts About the Same Place)

  1. ज्योतिर्लिंग: ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ज्योतिर्लिंग वे स्थान हैं जहाँ भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की मान्यता है कि यहाँ आने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और यहाँ सालभर भक्तों का ताँता लगा रहता है।
  2. नर्मदा नदी: ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। नर्मदा नदी को भारतीय संस्कृति में पवित्रता का प्रतीक माना गया है। यहाँ नर्मदा नदी का दृश्य अत्यंत सुंदर और मनमोहक है। नदी के किनारे बैठकर ध्यान और प्रार्थना करने से अद्वितीय शांति का अनुभव होता है।
  3. प्राचीन महत्ता: ओंकारेश्वर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। यहाँ की धार्मिक महत्ता हजारों वर्षों से चली आ रही है। इस स्थान का ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व भी है। यहाँ के मंदिरों की स्थापत्य कला और शिल्पकला अद्वितीय है।
  4. धार्मिक आयोजन: ओंकारेश्वर में मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, और कार्तिक पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन आयोजनों के दौरान यहाँ का माहौल अत्यंत धार्मिक और उत्साहपूर्ण होता है। हजारों श्रद्धालु इन पर्वों में भाग लेने के लिए यहाँ आते हैं।
  5. पर्यटन आकर्षण: ओंकारेश्वर मंदिर अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहाँ की अद्वितीय स्थापत्य कला, धार्मिक माहौल, और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त होता है।

यहां क्यों जाना चाहिए? (Why Should I Go Here?)

ओंकारेश्वर मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यहाँ आकर आप भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकते हैं और नर्मदा नदी के पवित्र जल में स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ की शांतिपूर्ण वातावरण और सुंदर प्राकृतिक दृश्य आपके मन को शांति और सुकून प्रदान करेंगे।

इस स्थान के अन्य नाम (Other Names of the Same Place)

ओंकारेश्वर मंदिर को ओंकार मंदिर और शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, इसे ज्योतिर्लिंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

सारांश (Summary)

ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ की पवित्रता, ऐतिहासिक महत्व और अद्वितीय स्थापत्य कला इसे विशेष बनाते हैं। नर्मदा नदी के किनारे बसे इस मंदिर की अद्वितीयता और धार्मिक महत्ता हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

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