मंगल ग्रह उत्पत्ति स्थल: स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव के तीसरे नेत्र से मंगल ग्रह की उत्पत्ति यहीं हुई थी।
मंगल ग्रह उत्पत्ति स्थल: स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव के तीसरे नेत्र से मंगल ग्रह की उत्पत्ति यहीं हुई थी।
कालगणना केंद्र: भूमध्य रेखा के पास स्थित यह मंदिर प्राचीन खगोलशास्त्रियों के लिए समय और ग्रह स्थिति मापन का केंद्र था।
क्षिप्रा नदी का महत्व: क्षिप्रा नदी का पवित्र जल ग्रह दोष निवारण और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए यहां की पूजा का हिस्सा है।
वास्तुकला और सौंदर्य: पहाड़ी पर स्थित प्राचीन भारतीय शैली का यह मंदिर शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा है।
रहस्यमय ऊर्जा: मंदिर परिसर में विशेष ध्वनि और ऊर्जा का अनुभव भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
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