2025 Mangla Gauri Fast Guide | 2025 मंगला गौरी व्रत गाइड
2025 मंगला गौरी व्रत गाइड
मंगला गौरी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत हर साल श्रावण मास में मंगलवार को किया जाता है। विवाहित महिलाएं इसे अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं। 2025 में मंगला गौरी व्रत की तिथियां, विधि और इसका महत्व जानना हर महिला के लिए जरूरी है जो इस व्रत का पालन करती हैं।
मंगला गौरी व्रत 2025: तिथि और समय
2025 में मंगला गौरी व्रत चार मंगलवार को पड़ रहा है:
- पहला व्रत: 8 जुलाई 2025
- दूसरा व्रत: 15 जुलाई 2025
- तीसरा व्रत: 22 जुलाई 2025
- चौथा व्रत: 29 जुलाई 2025
2025 से 2030 मंगला गौरी व्रत तिथियां
वर्ष | व्रत तिथियां |
---|---|
2025 | 8 जुलाई, 15 जुलाई, 22 जुलाई, 29 जुलाई |
2026 | 28 जुलाई, 4 अगस्त, 11 अगस्त, 18 अगस्त |
2027 | 13 जुलाई, 20 जुलाई, 27 जुलाई, 3 अगस्त |
2028 | 25 जुलाई, 1 अगस्त, 8 अगस्त, 15 अगस्त |
2029 | 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई |
2030 | 30 जुलाई, 6 अगस्त, 13 अगस्त, 20 अगस्त |
इन तिथियों पर व्रत रखकर महिलाएं भगवान शिव और माता गौरी की पूजा करती हैं।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी व्रत में देवी गौरी की पूजा की जाती है, जो समृद्धि, सुख, और वैवाहिक जीवन की रक्षा करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जो अपने वैवाहिक जीवन को मजबूत और सुखमय बनाना चाहती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत से दांपत्य जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।
व्रत की तैयारी कैसे करें?
मंगला गौरी व्रत के लिए सही तैयारी जरूरी है। इसमें शामिल हैं:
- पूजन सामग्री: देवी गौरी की मूर्ति या चित्र, लाल वस्त्र, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, नारियल, और दीपक।
- सजावट: पूजा स्थल को फूलों और दीपों से सजाएं।
- संकल्प: व्रत का पालन पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ करें।
मंगला गौरी व्रत विधि
व्रत करने की प्रक्रिया सरल है लेकिन इसमें श्रद्धा और समर्पण की आवश्यकता होती है:
- सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल पर देवी गौरी की प्रतिमा स्थापित करें।
- गणपति बप्पा का ध्यान करें और शुभारंभ करें।
- देवी गौरी को लाल वस्त्र और फूल अर्पित करें।
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) से अभिषेक करें।
- कथा सुनें या पढ़ें और 11 दीपक जलाएं।
- आरती करें और परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें।
मंगला गौरी व्रत की कथा
इस व्रत की कथा में एक विवाहित महिला के कठिन प्रयास और उसकी श्रद्धा की कहानी है। यह बताता है कि सच्चे मन से की गई पूजा देवी गौरी को प्रसन्न करती है और उनकी कृपा से जीवन में खुशहाली आती है।
व्रत के दौरान क्या खाएं?
व्रत के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करें। इसमें शामिल हैं:
- फल
- दूध और दूध से बने उत्पाद
- कुट्टू या राजगिरा का आटा
- सेंधा नमक का उपयोग
मंगला गौरी व्रत के लाभ
इस व्रत के अनेक आध्यात्मिक और मानसिक लाभ हैं:
- पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन।
- परिवार में शांति और समृद्धि।
- मनोकामनाओं की पूर्ति।
- वैवाहिक जीवन में मधुरता।
2025 मंगला गौरी व्रत: कुछ खास सुझाव
- व्रत के दिन क्रोध और अशुद्ध विचारों से बचें।
- पूजा के समय पूरी श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें।
- कथा सुनने के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
- देवी गौरी को समर्पित भजन गाएं या सुनें।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- व्रत के दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- पूजा के दौरान पूरी श्रद्धा और समर्पण रखें।
- कथा सुनने के बाद भोजन ग्रहण करें।
- सकारात्मक सोच और ईश्वर में विश्वास बनाए रखें।
निष्कर्ष
मंगला गौरी व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि यह आध्यात्मिक और पारिवारिक जुड़ाव का प्रतीक है। 2025 में इस व्रत का पालन करके न केवल आप देवी गौरी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपने परिवार के लिए सुख-शांति और सौभाग्य भी ला सकते हैं।
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