2025 Pradosh Vrat Dates Guide | 2025 प्रदोष व्रत तिथियों का गाइड
2025 प्रदोष व्रत तिथियों का गाइड
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण उपवास है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस व्रत का पालन हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस लेख में हम 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियों, इसकी पूजा विधि, महत्व और लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
2025 में प्रदोष व्रत तिथियां
नीचे दी गई तालिका में 2025 प्रदोष व्रत की सभी तिथियां दी गई हैं:
माह | व्रत की तिथि | दिन | पक्ष |
---|---|---|---|
जनवरी | 11 जनवरी | शनिवार | शुक्ल पक्ष |
26 जनवरी | रविवार | कृष्ण पक्ष | |
फरवरी | 10 फरवरी | सोमवार | शुक्ल पक्ष |
25 फरवरी | मंगलवार | कृष्ण पक्ष | |
मार्च | 11 मार्च | मंगलवार | शुक्ल पक्ष |
26 मार्च | मंगलवार | कृष्ण पक्ष | |
अप्रैल | 9 अप्रैल | बुधवार | शुक्ल पक्ष |
24 अप्रैल | बुधवार | कृष्ण पक्ष | |
मई | 9 मई | गुरुवार | शुक्ल पक्ष |
23 मई | गुरुवार | कृष्ण पक्ष | |
जून | 8 जून | शनिवार | शुक्ल पक्ष |
23 जून | रविवार | कृष्ण पक्ष | |
जुलाई | 7 जुलाई | रविवार | शुक्ल पक्ष |
22 जुलाई | सोमवार | कृष्ण पक्ष | |
अगस्त | 5 अगस्त | मंगलवार | शुक्ल पक्ष |
21 अगस्त | बुधवार | कृष्ण पक्ष | |
सितंबर | 4 सितंबर | बुधवार | शुक्ल पक्ष |
20 सितंबर | शुक्रवार | कृष्ण पक्ष | |
अक्टूबर | 3 अक्टूबर | गुरुवार | शुक्ल पक्ष |
19 अक्टूबर | शनिवार | कृष्ण पक्ष | |
नवंबर | 2 नवंबर | रविवार | शुक्ल पक्ष |
18 नवंबर | सोमवार | कृष्ण पक्ष | |
दिसंबर | 2 दिसंबर | मंगलवार | शुक्ल पक्ष |
17 दिसंबर | बुधवार | कृष्ण पक्ष |
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत का पालन करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत भक्तों के जीवन से नकारात्मकता को दूर करता है और सुख-समृद्धि लाता है।
- धार्मिक महत्व: यह व्रत शिव और शक्ति के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का माध्यम है।
- आध्यात्मिक लाभ: प्रदोष व्रत का पालन करने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मा का शुद्धिकरण होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: व्रत करने से शरीर डिटॉक्स होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
- स्नान और पवित्रता:
व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। - भगवान शिव की पूजा:
भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं। - मंत्र जाप:
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और भगवान शिव की आराधना करें। - व्रत कथा का पाठ:
प्रदोष व्रत की कथा सुनें या पढ़ें, जिससे पूजा का महत्व और अधिक बढ़ता है। - संध्या आरती:
शाम के समय दीप जलाकर शिव आरती करें।
प्रदोष व्रत के प्रकार
प्रदोष व्रत दो प्रकार के होते हैं:
- शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत: यह व्रत चंद्रमा के बढ़ते समय रखा जाता है।
- कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत: यह व्रत चंद्रमा के घटते समय रखा जाता है।
प्रदोष व्रत का फल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए शुभ होता है जो अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
प्रदोष व्रत के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत मानसिक और आत्मिक शुद्धि लाता है।
- धन-धान्य में वृद्धि: भगवान शिव की कृपा से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- बीमारियों से मुक्ति: प्रदोष व्रत करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: घर का माहौल शुद्ध और सकारात्मक बनता है।
निष्कर्ष
2025 में प्रदोष व्रत तिथियों का पालन करने से आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह व्रत आपके जीवन में सुख, शांति और सफलता लाने में सहायक होगा। ऊपर दी गई पूजा विधि और तिथियों की जानकारी आपको सही तरीके से व्रत करने में मदद करेगी।
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