Puri jagannath Temple Open Today Odisha | पुरी जगन्नाथ मंदिर आज खुला ओडिशा के समय और अन्य विवरण
Table of Contents
1. परिचय (Overview)
पुरी जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी शहर में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। धार्मिक पर्यटन स्थलों में इसका विशेष स्थान है और यह हर साल लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। पुरी जगन्नाथ मंदिर की भव्य वास्तुकला, धार्मिक महत्ता और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इसे अद्वितीय बनाती है।
2. खुलने और बंद होने का समय व तिथियां (Open Close Timing and Dates)
मंदिर के दर्शन के लिए सही समय का ज्ञान आवश्यक है। मंदिर के खुलने और बंद होने का समय नीचे दी गई तालिका में दर्शाया गया है:
समय | समय (IST) | विवरण |
---|---|---|
प्रातः काल | 5:00 AM | मंदिर का द्वार खुलता है |
प्रातः काल | 6:00 AM | मंगल आरती |
दोपहर | 12:00 PM | भोग आरती |
संध्या | 6:00 PM | संध्या आरती |
रात्रि | 9:00 PM | मंदिर का द्वार बंद होता है |
महत्वपूर्ण तिथियां:
- रथ यात्रा: भगवान जगन्नाथ की यह प्रसिद्ध यात्रा हर साल अषाढ़ माह में आयोजित होती है।
- स्नान पूर्णिमा: इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष स्नान कराया जाता है।
3. कहां है और वहां कैसे पहुंचें (Location and How to Reach)
पुरी जगन्नाथ मंदिर पुरी, ओडिशा में स्थित है। यहां कैसे पहुंचा जा सकता है:
- वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है, जो पुरी से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।
- रेल मार्ग: पुरी रेलवे स्टेशन मंदिर से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
- सड़क मार्ग: पुरी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
4. इतिहास (History)
पुरी जगन्नाथ मंदिर का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में राजा अनंगभीम देव द्वारा स्थापित किया गया था। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विष्णु के आदेश पर किया गया था। मंदिर की मूर्तियां भगवान जगन्नाथ (कृष्ण), बलभद्र (बलराम) और सुभद्रा (कृष्ण की बहन) को समर्पित हैं। मंदिर की स्थापना और उसकी धार्मिक महत्वता ने इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बना दिया है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha)
5. निर्माणकर्ता कौन हैं? (Created By)
पुरी जगन्नाथ मंदिर का निर्माण राजा अनंगभीम देव ने 12वीं शताब्दी में किया था। उन्होंने भगवान विष्णु के आदेश पर इस मंदिर का निर्माण कराया। राजा अनंगभीम देव के शासनकाल में मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और इसे उनकी देखरेख में पूरा किया गया। मंदिर की वास्तुकला और इसकी भव्यता राजा अनंगभीम देव की धार्मिकता और भक्ति को दर्शाती है। उन्होंने इस मंदिर को धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्थापित किया।
6. इस स्थान के बारे में 5 प्रमुख जानकारियां (Top 5 Facts About the Same Place)
- रथ यात्रा:
पुरी जगन्नाथ मंदिर की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है। हर साल लाखों भक्त इस यात्रा में शामिल होते हैं। रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को बड़े रथों पर रखकर नगर में घुमाया जाता है। यह यात्रा अषाढ़ माह में आयोजित होती है और भक्तों में इसकी विशेष महत्ता है। रथ यात्रा का आयोजन भक्तों के उत्साह और धार्मिकता को दर्शाता है और यह मंदिर की प्रमुख विशेषताओं में से एक है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha) - स्नान पूर्णिमा:
पुरी जगन्नाथ मंदिर में स्नान पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष स्नान कराया जाता है। स्नान पूर्णिमा पर मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। इस दिन भक्तों की बड़ी संख्या मंदिर में आती है और इस पवित्र घटना का दर्शन करती है। स्नान पूर्णिमा का महत्व मंदिर की धार्मिक परंपराओं का हिस्सा है और यह भक्तों में विशेष स्थान रखता है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha) - अखंड ज्योति:
पुरी जगन्नाथ मंदिर में अखंड ज्योति जलती रहती है। यह ज्योति मंदिर की भक्ति और धार्मिकता का प्रतीक है। अखंड ज्योति का दर्शन करने के लिए भक्त मंदिर में आते हैं और इसे पवित्र मानते हैं। इस ज्योति की विशिष्टता यह है कि इसे कभी बुझने नहीं दिया जाता है और यह मंदिर की धार्मिकता और श्रद्धा का प्रतीक है। अखंड ज्योति का महत्व भक्तों में धार्मिकता और भक्ति की भावना को और बढ़ाता है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha) - महाप्रसाद:
पुरी जगन्नाथ मंदिर में महाप्रसाद का विशेष महत्व है। यह प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाता है और इसे पवित्र माना जाता है। महाप्रसाद मंदिर की रसोई में विशेष रूप से तैयार किया जाता है और इसे भक्तों में श्रद्धा से वितरित किया जाता है। भक्त इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं और इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करते हैं। महाप्रसाद का महत्व भक्तों की भक्ति और आस्था को और मजबूत करता है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha) - भव्य वास्तुकला:
पुरी जगन्नाथ मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय और भव्य है। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ और इसे भारतीय वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में देखा जाता है। मंदिर की भव्यता और इसकी धार्मिक महत्वता इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाती है। मंदिर के हर हिस्से में कला और संस्कृति की झलक मिलती है और यह भक्तों को धार्मिकता और भक्ति की भावना से जोड़ता है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha)
7. यहां क्यों जाना चाहिए? (Why Should I Go Here?)
पुरी जगन्नाथ मंदिर एक आध्यात्मिक शांति का स्थल है। यहां आने वाले भक्त भगवान जगन्नाथ की भक्ति में लीन होते हैं और उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होती है। मंदिर की भव्यता और धार्मिक महत्व इसे और भी खास बनाते हैं। भक्त यहां आकर भगवान की शिक्षाओं को आत्मसात करते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। मंदिर की पवित्रता और यहां के धार्मिक अनुष्ठान भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
8. इस स्थान के अन्य नाम (Other Names of the Same Place)
पुरी जगन्नाथ मंदिर को “जगन्नाथ मंदिर” और “पुरी मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। (Puri jagannath Temple Open Today Odisha)
9. सारांश (Summary)
पुरी जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसकी स्थापना राजा अनंगभीम देव द्वारा 12वीं शताब्दी में की गई थी। मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां हैं। यहां आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मानसिक संतोष मिलता है। मंदिर का खुलने और बंद होने का समय भक्तों की सुविधा के लिए निर्धारित है और विशेष तिथियों पर यहां विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं।