7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030

7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030

पापांकुशा एकादशी 2024 से 2030: व्रत तिथि, महत्व और पूजा विधि

पापांकुशा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसे पापों का नाश करने वाली एकादशी माना जाता है। यह व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस लेख में, हम पापांकुशा एकादशी 2024 से 2030 तक की तिथियों, महत्व, व्रत कथा और पूजा विधि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030
7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030

पापांकुशा एकादशी की तिथियां (2024-2030)

वर्षदिनांकवार
202415 अक्टूबरमंगलवार
20254 अक्टूबरशनिवार
202623 अक्टूबरशुक्रवार
202712 अक्टूबरमंगलवार
20281 अक्टूबररविवार
202920 अक्टूबरशनिवार
20309 अक्टूबरबुधवार

पापांकुशा एकादशी का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पापांकुशा एकादशी का व्रत सभी पापों का नाश करने वाला होता है। भगवान विष्णु के भक्त इस दिन व्रत रखकर और उनकी पूजा-अर्चना करके अपने जीवन को पवित्र करते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने वाले को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है और मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के धाम में वास मिलता है।

इसके अलावा, यह व्रत परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी किया जाता है। इसे करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा

पापांकुशा एकादशी की व्रत कथा बहुत रोचक और शिक्षाप्रद है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक समय महर्षि अंगिरा ने राजा नरेन को इस व्रत का महत्व समझाया। राजा ने अपने पिछले कर्मों के पापों से छुटकारा पाने के लिए इस व्रत को विधिपूर्वक किया और मोक्ष प्राप्त किया।

यह कथा हमें यह सिखाती है कि सत्य, धर्म और भक्ति के मार्ग पर चलने से जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं।

पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि

  1. स्नान और संकल्प:
    इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की पूजा करने का प्रण लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा:
    भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। तुलसी के पत्तों, फूल, चंदन और धूप से भगवान की पूजा करें।
  3. व्रत कथा का पाठ:
    व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इससे व्रत का महत्व बढ़ता है और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  4. एकादशी व्रत का पालन:
    पूरे दिन उपवास रखें। अगर संभव हो, तो निराहार रहें या फलाहार करें। शाम को विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  5. द्वादशी के दिन पारण:
    व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान देने के बाद करें।
  6. एकादशी कथा का श्रवण:
  7. इस दिन व्रती को पापांकुशा एकादशी की कथा सुननी चाहिए। कथा का श्रवण करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
  8. व्रत और उपवास:
  9. इस दिन निर्जला उपवास करना उत्तम माना गया है। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से फलाहार या जल ग्रहण कर सकते हैं।
  10. दान-पुण्य:
  11. व्रत के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान-पुण्य करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।

व्रत के लाभ

  • पापों से मुक्ति मिलती है।
  • ईश्वर की कृपा से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
  • भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पापांकुशा एकादशी के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • व्रत के दिन क्रोध और असत्य वचन से बचें।
  • सात्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार से परहेज करें।
  • किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें और दान-पुण्य करें।

निष्कर्ष

पापांकुशा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की भक्ति का प्रतीक है। यह व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और शांति भी लाता है। यदि आप 2024 से 2030 तक इस व्रत को करना चाहते हैं, तो ऊपर दी गई तिथियों और विधियों का पालन करें। 7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030

7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030
7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030

इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु की आराधना करें और अपने जीवन को धन्य बनाएं।
जय विष्णु!

7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030 | 7 Facts About Papankusha Ekadashi 2024-2030

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top