Jyeshtha Purnima 2024 Key Facts
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024: महत्वपूर्ण तथ्य
ज्येष्ठ पूर्णिमा, हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखने वाली तिथि है। यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। 2024 में ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व 22 जून को मनाया जाएगा। इस दिन व्रत, स्नान, और दान का विशेष महत्व है, और इसे आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने का अवसर माना जाता है। आइए, इस लेख में ज्येष्ठ पूर्णिमा के मुख्य तथ्यों और उससे जुड़े धार्मिक अनुष्ठानों पर चर्चा करें।

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को आती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दान और पुण्य कार्य करने से व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।
2024 में ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि और समय
2024 में ज्येष्ठ पूर्णिमा निम्नलिखित मुहूर्त में मनाई जाएगी:
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 21 जून, रात 11:52 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 22 जून, रात 09:50 बजे
ध्यान दें कि धार्मिक कार्य करने के लिए उदय तिथि का विशेष महत्व होता है, और इसी कारण से 22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत और पूजा की जाएगी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024-2030 की तारीखें
यहां ज्येष्ठ पूर्णिमा की आगामी वर्षों की महत्वपूर्ण तिथियों की सूची दी गई है:
वर्ष | तिथि | दिन |
---|---|---|
2024 | 22 जून | शनिवार |
2025 | 11 जून | बुधवार |
2026 | 30 मई | शनिवार |
2027 | 18 जून | शुक्रवार |
2028 | 7 जून | बुधवार |
2029 | 27 मई | रविवार |
2030 | 14 जून | शुक्रवार |
इन तिथियों को ध्यान में रखकर अपनी तैयारियां करें ताकि इस पर्व को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा सके।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किए जाने वाले प्रमुख अनुष्ठान
1. गंगा स्नान:
इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।
2. व्रत और पूजा:
इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, और तिल अर्पित किए जाते हैं।
3. दान-पुण्य:
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
4. पीपल की पूजा:
इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा से जुड़े पौराणिक तथ्य
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने गजेंद्र को बचाने के लिए इसी दिन हस्तक्षेप किया था। गजेंद्र, जो एक हाथी था, मगरमच्छ के चंगुल में फंस गया था। अपनी भक्ति और समर्पण के बल पर उसने भगवान विष्णु को प्रसन्न किया, जिन्होंने उसे मुक्त किया।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के ज्योतिषीय लाभ
इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण शक्ति में होता है, जिससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दिन ध्यान और योग के लिए भी उपयुक्त है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ से ग्रह दोषों का निवारण होता है।
क्यों है ज्येष्ठ पूर्णिमा खास?
- धार्मिक दृष्टि: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं।
- सामाजिक पहलू: इस दिन लोग सामूहिक रूप से पूजा और भजन-कीर्तन करते हैं, जिससे समाज में एकता और सामूहिकता की भावना प्रबल होती है।
- आध्यात्मिक लाभ: यह दिन ध्यान, योग और आत्मनिरीक्षण के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
2024 में ज्येष्ठ पूर्णिमा कैसे मनाएं?
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- यदि संभव हो, तो गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- भगवान विष्णु और माता गंगा की पूजा करें।
- व्रत का पालन करें और पूरे दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े दान करें।
- शाम को पीपल वृक्ष की पूजा करें और दीपक जलाएं।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत करते समय क्रोध, असत्य, और हिंसा से दूर रहें।
- पूजा के दौरान भगवान विष्णु के “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- जल का विशेष महत्व होने के कारण, इस दिन कुओं और जलाशयों में जल भरवाना पुण्यदायी माना जाता है।

निष्कर्ष
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन व्रत, पूजा, और दान से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप इस दिन धार्मिक अनुष्ठानों को विधिपूर्वक करते हैं, तो यह न केवल आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा, बल्कि आपके पिछले जन्मों के पापों का नाश भी करेगा।
इस विशेष दिन को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और भगवान विष्णु से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करें।

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