Jagadhatri Puja Dates 2024 to 2030
जगद्धात्री पूजा: तिथियां और महत्त्व (2024 – 2030)
जगद्धात्री पूजा एक प्रसिद्ध हिन्दू त्योहार है, जो विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पूजा देवी दुर्गा के एक विशेष रूप, जगद्धात्री देवी की आराधना से जुड़ी होती है। संस्कृत में ‘जगद्धात्री’ का अर्थ होता है “जो संसार की पालनकर्ता हैं।” यह त्योहार दुर्गा पूजा के करीब एक महीने बाद, कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। यह समय भक्तों के लिए देवी जगद्धात्री की कृपा पाने का अवसर होता है, जो उनके जीवन में सुख और समृद्धि लाती हैं।
आइए, जानते हैं कि आने वाले वर्षों में जगद्धात्री पूजा कब मनाई जाएगी:
जगद्धात्री पूजा की तिथियां (2024 – 2030)
- 2024: 9 नवंबर (शनिवार)
- 2025: 29 अक्टूबर (बुधवार)
- 2026: 18 नवंबर (बुधवार)
- 2027: 7 नवंबर (रविवार)
- 2028: 26 अक्टूबर (गुरुवार)
- 2029: 14 नवंबर (बुधवार)
- 2030: 3 नवंबर (रविवार)
जगद्धात्री पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व
जगद्धात्री पूजा का विशेष महत्त्व है क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर का भी एक बड़ा हिस्सा है। इस त्योहार के दौरान देवी जगद्धात्री की पूजा की जाती है, जिन्हें संकटों से मुक्ति दिलाने वाली देवी के रूप में देखा जाता है। भक्त यह मानते हैं कि वे सभी बुराइयों और दुखों से रक्षा करती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं।
यह त्योहार पश्चिम बंगाल के चंद्रनगर, हुगली और कोलकाता जैसे स्थानों में खास तौर पर मनाया जाता है। पंडालों में देवी की विशाल मूर्तियां स्थापित की जाती हैं, जहां भक्त पूजा-अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। जगद्धात्री पूजा की परंपरा की शुरुआत बंगाल के प्रसिद्ध राजा कृष्णचंद्र द्वारा की गई थी, और तभी से यह पूजा एक प्रमुख त्योहार के रूप में मानी जाने लगी।
पूजा के प्रमुख अनुष्ठान और आयोजन
इस त्योहार के दौरान, बंगाल के विभिन्न हिस्सों में भव्य पंडालों की सजावट की जाती है। देवी जगद्धात्री की भव्य मूर्तियों की स्थापना होती है और चार दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा के दिन भक्तगण देवी से प्रार्थना करते हैं और उनके सामने उपवास रखते हैं। महिलाएं पारंपरिक साड़ियों में सजती हैं और देवी के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करती हैं।
रात्रि में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं। इन आयोजनों में हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं। इसके साथ ही इस पूजा के समय बंगाल की पारंपरिक व्यंजन और मिठाइयों का भी खास महत्त्व होता है।
जगद्धात्री पूजा का समापन और विसर्जन
जगद्धात्री पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन का भी विशेष महत्त्व होता है। पंडालों में स्थापित देवी की प्रतिमाएं बैंड बाजों के साथ विशाल जलूसों में निकाली जाती हैं और पास के जल स्रोतों में विसर्जित की जाती हैं। विसर्जन के समय भक्तों की भीड़ देखी जाती है जो देवी से आशीर्वाद लेकर उनके अगले वर्ष पुनः आगमन की प्रार्थना करते हैं।
आधुनिक समय में जगद्धात्री पूजा की धूम
आजकल, जगद्धात्री पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी एक विशाल आयोजन बन गया है। पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों और गांवों में इस पूजा की धूम रहती है। इसे विशेष रूप से चंद्रनगर में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जहां की सजावट और लाइटिंग पूरे राज्य में प्रसिद्ध है। इस शहर को “रोशनी का शहर” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां की लाइटिंग देखने लायक होती है।
इसके साथ ही, सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से अब यह त्योहार न केवल बंगाल में बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध हो रहा है। हर साल अधिक से अधिक लोग इस पूजा में हिस्सा लेते हैं और इसकी महत्ता को महसूस करते हैं। Jagadhatri Puja Dates 2024 to 2030
जगद्धात्री पूजा 2024 – 2030 विशेष जानकारी
यदि आप अगले कुछ वर्षों में इस पूजा में भाग लेना चाहते हैं, तो उपरोक्त तिथियों को अपने कैलेंडर में अवश्य चिन्हित करें। हर साल, इन तिथियों पर लाखों लोग पंडालों में देवी की पूजा करते हैं और अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं। यह त्योहार न केवल धार्मिक है, बल्कि बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है।
निष्कर्ष
जगद्धात्री पूजा का महत्त्व सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, यह बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी है। देवी जगद्धात्री की पूजा से भक्तगण यह विश्वास रखते हैं कि वे सभी कठिनाइयों से मुक्ति पा सकते हैं और उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होगा।
आने वाले वर्षों में यह पूजा और भी अधिक भव्यता के साथ मनाई जाएगी। चाहे आप पश्चिम बंगाल में हों या देश के किसी अन्य हिस्से में, यह पूजा आपको अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और भक्ति की अनूठी अनुभूति का अनुभव कराएगी। Jagadhatri Puja Dates 2024 to 2030
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Jagadhatri Puja Dates 2024 to 2030 | Jagadhatri Puja Dates 2024 to 2030