Mohini Ekadashi Dates 2024-2030 Guide
मोहिनी एकादशी 2024 से 2030: व्रत का महत्त्व और तिथियाँ
मोहिनी एकादशी, विष्णु भगवान को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत खासकर उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो पापों से मुक्ति और जीवन में शांति की कामना करते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी का महत्त्व और कथा
मोहिनी एकादशी व्रत का नाम भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार से जुड़ा है। पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन में अमृत निकला था। असुरों ने अमृत पर कब्जा कर लिया था, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर अमृत असुरों से छीनकर देवताओं में बाँट दिया। इस कारण इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और सुख-शांति का संचार होता है।
मोहिनी एकादशी 2024 से 2030 तिथियाँ
यहां मोहिनी एकादशी की तिथियाँ दी गई हैं, जो भक्तों के लिए व्रत करने के लिए लाभकारी हो सकती हैं:
- मोहिनी एकादशी 2024 – 19 मई, रविवार
- मोहिनी एकादशी 2025 – 8 मई, गुरुवार
- मोहिनी एकादशी 2026 – 27 अप्रैल, मंगलवार
- मोहिनी एकादशी 2027 – 16 मई, रविवार
- मोहिनी एकादशी 2028 – 5 मई, शुक्रवार
- मोहिनी एकादशी 2029 – 23 अप्रैल, सोमवार
- मोहिनी एकादशी 2030 – 13 मई, सोमवार
इन तिथियों के अनुसार, भक्त अपनी सुविधा के अनुसार व्रत का संकल्प ले सकते हैं।
व्रत की विधि
मोहिनी एकादशी व्रत का पालन बहुत ही सरल तरीके से किया जा सकता है। इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजा में तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, और पुष्प का उपयोग विशेष रूप से करें। पूरे दिन निर्जला व्रत रखें, और अगर स्वास्थ्य की स्थिति ठीक न हो, तो फलाहार कर सकते हैं।
भक्तों के लिए पूजन विधि:
- सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ या विष्णु स्तुति का जाप करें।
- शाम के समय आरती करें और संभव हो तो श्री हरि को भोग लगाकर व्रत खोलें।
मोहिनी एकादशी व्रत का लाभ
मोहिनी एकादशी व्रत का पालन करने से अनेक लाभ मिलते हैं। माना जाता है कि इस दिन का व्रत रखने से पिछले जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत का आध्यात्मिक लाभ मिलता है जिससे जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है।
- व्रत का समापन द्वादशी की पूर्व संध्या पर होता है जो बारहवाँ दिन होता है। सभी व्रतधारियों को अपने व्रत का समापन करने से पहले कुछ दान करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने की आवश्यकता होती है।
- प्रेक्षकों को रात के दौरान सोने की अनुमति नहीं होती है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अपना पूरा समय मंत्रों को पढ़ने में लगाना चाहिए।
विशेष ध्यान
इस व्रत के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि व्रत में सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए, और अहिंसा का पालन करना चाहिए। इस दिन मांस, लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए, ताकि व्रत का संपूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
मोहिनी एकादशी के लिए कौन से मंत्र हैं?
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र
- विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम्
निष्कर्ष
मोहिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने का सशक्त माध्यम है। हर साल लाखों भक्त इस व्रत का पालन करते हैं और भगवान से अपने पापों की मुक्ति की कामना करते हैं। अगर आप भी इस व्रत को विधिपूर्वक करेंगे तो न केवल आपको आंतरिक शांति प्राप्त होगी, बल्कि जीवन में नई सकारात्मकता भी आएगी। आने वाले वर्षों 2024 से 2030 तक इस व्रत की तिथियाँ ऊपर दी गई हैं, ताकि आप अपने समय और सुविधा के अनुसार इस पावन दिन को विशेष बना सकें। Mohini Ekadashi Dates 2024-2030 Guide
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