Phulera Dooj Dates 2020-2030

Phulera Dooj Dates 2020-2030

फुलेरा दूज

फुलेरा दूज उत्तर भारत में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो कि फरवरी-मार्च के बीच आता है। “फुलेरा” शब्द हिंदी के “फूल” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “फूल”। इस दिन भक्त फूलों के साथ होली खेलते हैं और यह कामना करते हैं कि होली के रंग उनके जीवन में खुशियों का रंग भरें।

फुलेरा दूज, वसंत पंचमी और होली के बीच आने वाला त्योहार है। यही कारण है कि इस पर्व की अधिकतर परंपराएं होली से जुड़ी होती हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष “दर्शन” का आयोजन होता है, जिसमें भगवान को होली के लिए सजाया जाता है। मथुरा, वृंदावन और उत्तर भारत के अन्य कृष्ण मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति पर हल्के रंगों का लेप लगाकर होली के आगमन का प्रतीक चिन्ह बनाया जाता है।

फुलेरा दूज 2025 का आयोजन:

फुलेरा दूज का पर्व 2025 में 1 मार्च, शनिवार को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण की आराधना का होता है। भक्त इस दिन अपने घरों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को फूलों और सुंदर वस्त्रों से सजाते हैं। इस दिन मंदिरों में भी विशेष आयोजन होते हैं, विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र में, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अपना अधिकांश समय बिताया था।

मंदिरों को इस दिन विशेष रूप से सजाया जाता है और बड़ी संख्या में भक्त दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं। श्रीकृष्ण की मूर्ति को सफेद वस्त्र पहनाकर एक रंगीन और फूलों से सजाए गए मंडप के नीचे रखा जाता है। भगवान की कमर में गुलाल का एक कपड़ा बांध दिया जाता है, जो होली की तैयारी का प्रतीक होता है। रात को ‘शयन भोग’ के बाद इस गुलाल को हटा दिया जाता है। यह दृश्य भक्तों के लिए अद्भुत होता है।

इस दिन विशेष प्रकार का ‘भोग’ भी तैयार किया जाता है, जिसमें पोहा और अन्य विशेष व्यंजन शामिल होते हैं। इन व्यंजनों को भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के बाद भक्तों में ‘प्रसाद’ के रूप में बांटा जाता है। ‘संध्या आरती’ और ‘समाज में रसिया’ फुलेरा दूज के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक हैं। Phulera Dooj Dates 2020-2030

फुलेरा दूज के दिन का महत्व:

फुलेरा दूज के दिन को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन को ‘अबूझ मुहूर्त’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इस दिन हर समय शुभ होता है और किसी भी धार्मिक या मांगलिक कार्य के लिए किसी पंडित या ज्योतिषी से मुहूर्त निकालने की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए, इस दिन विशेष रूप से उत्तर भारत में बहुत से विवाह होते हैं। नए व्यापार या किसी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत के लिए भी यह दिन अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।

कुल मिलाकर, फुलेरा दूज का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और उनके भक्तों के बीच प्रेम और भक्ति के आदान-प्रदान का प्रतीक है। इस दिन भक्त अपने जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

फुलेरा दूज की तारीखें (2020-2030):

वर्षतारीख
202025 फरवरी, मंगलवार
202115 मार्च, सोमवार
20224 मार्च, शुक्रवार
202321 फरवरी, मंगलवार
202412 मार्च, मंगलवार
20251 मार्च, शनिवार
202619 फरवरी, गुरुवार
202710 मार्च, बुधवार
202827 फरवरी, रविवार
202915 फरवरी, गुरुवार
20306 मार्च, बुधवार
Phulera Dooj festival dates between 2020 & 2030

इस दिन को विशेष रूप से मंदिरों में भजन-कीर्तन और रंगों से सजाने का अवसर माना जाता है। खासकर मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में इस दिन की रौनक देखने लायक होती है।

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