Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain | शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर उज्जैन |

Table of Contents
1: परिचय (Overview)
धार्मिक पर्यटन स्थलों का संक्षिप्त परिचय और उनकी महत्ता
भारत का धार्मिक पर्यटन सदियों से लोगों को आकर्षित करता रहा है। इन स्थलों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व, श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत होता है। शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर उज्जैन उन्हीं प्रसिद्ध स्थलों में से एक है जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

2: खुलने और बंद होने का समय व तिथियां (Open Close Timing and Dates)
इस धार्मिक स्थल के दर्शन के लिए सही समय और महत्वपूर्ण तिथियां
समय | सोमवार | मंगलवार | बुधवार | गुरुवार | शुक्रवार | शनिवार | रविवार |
---|---|---|---|---|---|---|---|
खुलने का समय | 6:00 AM | 6:00 AM | 6:00 AM | 6:00 AM | 6:00 AM | 6:00 AM | 6:00 AM |
बंद होने का समय | 8:00 PM | 8:00 PM | 8:00 PM | 8:00 PM | 8:00 PM | 8:00 PM | 8:00 PM |
विशेष तिथियाँ:
- नवरात्रि (मार्च/अप्रैल और सितंबर/अक्टूबर)
- दीपावली (अक्टूबर/नवंबर)
3: कहां है और वहां कैसे पहुंचें (Location and How to Reach)
शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर उज्जैन, मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह मंदिर उज्जैन रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किमी की दूरी पर है। हवाई यात्रा के लिए सबसे निकटतम हवाईअड्डा इंदौर है, जो उज्जैन से लगभग 55 किमी दूर है। इंदौर से आप टैक्सी या बस सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
4: इतिहास (History)
इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व और इससे जुड़ी रोचक कहानियां
शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर का ऐतिहासिक महत्व अत्यंत प्राचीन और रोचक है। इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है और इसे शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था, जो इस स्थान को अति महत्वपूर्ण बनाता है। इसके साथ ही, यह स्थान तांत्रिक साधना के लिए भी प्रसिद्ध है। Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain
5: निर्माणकर्ता कौन हैं? (Created By)
इस धार्मिक स्थल को किसने और कब बनाया?
इस मंदिर का निर्माण किसने किया, इसका स्पष्ट उल्लेख इतिहास में नहीं मिलता। किंवदंती है कि यह स्थल प्राचीन काल में सिद्ध योगियों और तांत्रिकों द्वारा स्थापित किया गया था। मान्यता है कि यह स्थल लगभग 3000 वर्ष पुराना है और समय के साथ इसका पुनर्निर्माण और विस्तार होता रहा है।

6: इस स्थान के बारे में 5 प्रमुख जानकारियां (Top 5 Facts About the Same Place)
1. शक्तिपीठों में स्थान: गढ़कालिका मंदिर को 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। शक्तिपीठ वे स्थाने हैं जहाँ माता सती के अंग गिरे थे, और गढ़कालिका मंदिर में माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था, इस कारण यह अत्यंत पवित्र स्थल बन गया है। शक्तिपीठ एक धार्मिक स्थल होते हैं जो हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह स्थल भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र है और यहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर धार्मिक विधियों और अनुष्ठानों के लिए भी जाना जाता है, जिससे इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान के रूप में पहचान मिलती है। Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain
2. प्राचीन तांत्रिक स्थल: गढ़कालिका मंदिर तांत्रिक साधना के लिए प्रसिद्ध है। तंत्र साधना एक विशेष प्रकार की आध्यात्मिक प्रक्रिया होती है जो ऊर्जा और शक्ति के माध्यम से आत्मा की उन्नति करती है। यह मंदिर सदियों से तांत्रिक साधकों का केंद्र रहा है, जो यहां आकर अपनी साधना करते हैं। इस स्थल का वातावरण तांत्रिक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है और यहां की शांति और स्थिरता साधकों को विशेष अनुभव प्रदान करती है। तंत्र साधना के लिए यहां विशेष अनुष्ठान और यज्ञ किए जाते हैं।
3. मंत्र सिद्धि के लिए विशेष: गढ़कालिका मंदिर में मंत्र सिद्धि के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। मंत्र सिद्धि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें मंत्रों का जाप किया जाता है और उन्हें सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु और साधक अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मंत्र जाप करते हैं और सिद्धि प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। इस मंदिर में मंत्र सिद्धि के लिए विशेष वातावरण और ऊर्जा होती है, जिससे यहां की सिद्धि प्रक्रियाएं प्रभावी होती हैं।
4. पुराणों में उल्लेख: गढ़कालिका मंदिर का उल्लेख विभिन्न पुराणों में मिलता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। पुराणों में वर्णित कथाओं और धार्मिक घटनाओं के कारण यह स्थल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। पुराणों में इस मंदिर के इतिहास और उसकी धार्मिक महत्ता का वर्णन मिलता है, जिससे यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनता है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में वर्णित विभिन्न घटनाओं और कथाओं से जुड़ा हुआ है। Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain
5. सती का ऊपरी होंठ गिरना: मान्यता है कि गढ़कालिका मंदिर में माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था, जो इस स्थान को अत्यंत पवित्र बनाता है। यह मान्यता इस स्थल की पवित्रता और धार्मिक महत्व को और भी बढ़ा देती है और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाती है। माता सती के अंग गिरने के कारण यह स्थान शक्तिपीठ कहलाता है और यहां आकर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस स्थल की यह मान्यता इसे हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है। Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain
7: यहां क्यों जाना चाहिए? (Why Should I Go Here?)
इस धार्मिक स्थल पर जाने के फायदे और इसे खास बनाने वाले कारण
शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर पर जाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहाँ का वातावरण भी अत्यंत शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। यहाँ आकर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और उन्हें आत्मिक शांति का अनुभव होता है। Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain
8: इस स्थान के अन्य नाम (Other Names of the Same Place)
इस स्थान को किन-किन नामों से जाना जाता है?
शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर को स्थानीय लोग “गढ़कालिका माता मंदिर” के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर शक्ति पीठ होने के कारण प्रसिद्ध है और इसे “गढ़कालिका” के नाम से अधिक जाना जाता है। Shaktipeeth Shri Gadhkalika mata Temple ujjain

9: सारांश (Summary)
इस धार्मिक स्थल की पूरी जानकारी का सारांश
शक्ति पीठ श्री गढ़कालिका माता मंदिर उज्जैन धार्मिक पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व इसे विशेष बनाता है। इस मंदिर का दर्शन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और श्रद्धालुओं को मानसिक शांति मिलती है। इसके साथ ही, यहाँ की तांत्रिक साधना और विशेष अनुष्ठान भी इस स्थान को विशिष्ट बनाते हैं। धार्मिक आस्था के साथ-साथ यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने योग्य है।
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