Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka

Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka | उडुपी श्री कृष्ण मंदिर के समय और अन्य विवरण |

1. परिचय (Overview)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर कर्नाटक के उडुपी शहर में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और अपनी भव्य वास्तुकला, सुंदर मूर्तियों और धार्मिक महत्वपूर्णता के लिए प्रसिद्ध है। धार्मिक पर्यटन स्थलों में इसका विशेष स्थान है और यह हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।

2. खुलने और बंद होने का समय व तिथियां (Open Close Timing and Dates)

मंदिर के दर्शन के लिए सही समय का ज्ञान आवश्यक है। मंदिर के खुलने और बंद होने का समय नीचे दी गई तालिका में दर्शाया गया है:

समयसमय (IST)विवरण
प्रातः काल5:00 AMमंदिर का द्वार खुलता है
प्रातः काल6:00 AMमंगल आरती
दोपहर12:00 PMभोग आरती
संध्या6:00 PMसंध्या आरती
रात्रि9:00 PMमंदिर का द्वार बंद होता है

महत्वपूर्ण तिथियां:

  • जन्माष्टमी: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव, यह मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है।
  • एकादशी: प्रत्येक एकादशी पर विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।

3. कहां है और वहां कैसे पहुंचें (Location and How to Reach)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर उडुपी, कर्नाटक में स्थित है। यहां कैसे पहुंचा जा सकता है:

  • वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा मैंगलोर है, जो उडुपी से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।
  • रेल मार्ग: उडुपी रेलवे स्टेशन मंदिर से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
  • सड़क मार्ग: उडुपी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

4. इतिहास (History)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। यह मंदिर 13वीं शताब्दी में मध्ययुगीन संत माधवाचार्य द्वारा स्थापित किया गया था। यहां की मूर्ति, जो भगवान श्री कृष्ण की बाल रूप में है, की स्थापना खुद माधवाचार्य ने की थी। इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य भक्तों को भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन करना है। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)

5. निर्माणकर्ता कौन हैं? (Created By)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर का निर्माण माधवाचार्य ने 13वीं शताब्दी में किया था। माधवाचार्य ने वेदांत दर्शन का प्रचार किया और यह मंदिर उनकी भक्ति और साधना का एक प्रमुख केंद्र बन गया। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)

6. इस स्थान के बारे में 5 प्रमुख जानकारियां (Top 5 Facts About the Same Place)

  1. माधवाचार्य की मूर्ति स्थापना:
    माधवाचार्य ने स्वयं भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति की स्थापना की थी। यह मंदिर 13वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य भक्तों को भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन करना था। माधवाचार्य ने वेदांत दर्शन का प्रचार किया और यह मंदिर उनकी भक्ति और साधना का प्रमुख केंद्र बन गया। मंदिर की मूर्ति बाल गोपाल के रूप में स्थापित है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस मूर्ति की खासियत यह है कि इसे एक ही पत्थर से तराशा गया है। माधवाचार्य की स्थापना ने इस मंदिर को धार्मिक महत्वता दी है और इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाया है।(Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)
  2. कनकाना किण्डी:
    यह मंदिर का वह खिड़की है जहां से भक्त भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति का दर्शन कर सकते हैं। यह खिड़की विशेष रूप से उन भक्तों के लिए बनाई गई थी जो मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते थे। कनकाना किण्डी का नाम एक मुस्लिम भक्त कनक दास के नाम पर रखा गया है। कहते हैं कि कनक दास को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, तब उन्होंने बाहर से ही भक्ति की और भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें इस खिड़की से दर्शन दिए। यह कहानी भक्तों में असीम श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है और इस खिड़की का दर्शन करना भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)
  3. अष्ट मठ:
    उडुपी में आठ मठ हैं जो मंदिर के प्रशासन और धार्मिक गतिविधियों का संचालन करते हैं। इन मठों को अष्ट मठ के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक मठ का अपना-अपना पीठासीन संत होता है जो मंदिर की देखरेख और पूजा अनुष्ठानों का संचालन करता है। अष्ट मठ का महत्व यह है कि यह मंदिर की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केन्द्र है। प्रत्येक मठ का अपना इतिहास और परंपरा है, और वे सभी माधवाचार्य के अनुयायी हैं। अष्ट मठ की व्यवस्था मंदिर की सुव्यवस्थित प्रबंधन का प्रतीक है और यह धार्मिक गतिविधियों को सही ढंग से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)
  4. भोग प्रसाद:
    मंदिर में भोग प्रसाद का विशेष महत्व है और यह भक्तों में वितरित किया जाता है। भोग प्रसाद मंदिर की रसोई में विशेष रूप से तैयार किया जाता है और इसे भक्तों में बांटा जाता है। भोग प्रसाद का स्वादिष्ट और पवित्र होना इसका खास गुण है। मंदिर में आने वाले भक्त इसे श्रद्धा से ग्रहण करते हैं और इसे प्रसाद के रूप में अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करते हैं। प्रसाद का वितरण मंदिर की धार्मिक परंपराओं का हिस्सा है और इसे आशीर्वाद के रूप में देखा जाता है। भोग प्रसाद का महत्व भक्तों की भक्ति और आस्था को और मजबूत करता है। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)
  5. धार्मिक उत्सव:
    जन्माष्टमी, एकादशी और अन्य महत्वपूर्ण तिथियों पर यहां विशेष पूजा और उत्सव मनाए जाते हैं। जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव है और इसे मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और भक्तों की भीड़ उमड़ती है। एकादशी के दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, अन्य धार्मिक तिथियों पर भी यहां विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। धार्मिक उत्सवों का आयोजन भक्तों में धार्मिकता और भक्ति की भावना को और बढ़ाता है। मंदिर की आस्था और परंपराओं को जीवित रखने में यह उत्सव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)

7. यहां क्यों जाना चाहिए? (Why Should I Go Here?)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर एक आध्यात्मिक शांति का स्थल है। यहां आने वाले भक्त भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होते हैं और उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होती है। मंदिर की भव्यता और धार्मिक महत्व इसे और भी खास बनाते हैं। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)

8. इस स्थान के अन्य नाम (Other Names of the Same Place)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर को “कृष्ण मठ” और “उडुपी मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। (Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka)

9. सारांश (Summary)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर कर्नाटक के उडुपी में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसकी स्थापना माधवाचार्य द्वारा 13वीं शताब्दी में की गई थी। मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान श्री कृष्ण की बाल रूप की मूर्ति है। यहां आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मानसिक संतोष मिलता है। मंदिर का खुलने और बंद होने का समय भक्तों की सुविधा के लिए निर्धारित है और विशेष तिथियों पर यहां विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं।

Udupi Sri Krishna Temple Timings Karnataka |

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