Ganga Dussehra 1950-2050
गंगा दशहरा क्या है
गंगा दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे देवी गंगा के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इसे गंगावतरण भी कहा जाता है, जो गंगा के धरती पर अवतरण का प्रतीक है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है, जो 2025 में 8 जून को पड़ रहा है। इस दिन को गंगा के धरती पर आने और उसे शुद्ध व पवित्र बनाने के रूप में मनाया जाता है।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रमुख पापों से मुक्ति मिलती है, जो कि उसके कर्म, वाणी और विचारों से जुड़े होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के पिछले पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए, यह दिन निवेश, नए घर की खरीद, और अन्य शुभ कार्यों के लिए भी आदर्श माना जाता है।
गंगा दशहरा की पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन, श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे जाकर स्नान करते हैं और देवी गंगा की पूजा करते हैं। इस दिन की कुछ प्रमुख पूजा विधियों में शामिल हैं:
- गंगा स्नान: भक्त सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं, जिससे वे अपने पापों से मुक्ति पाते हैं।
- आरती और भोग: शाम के समय गंगा आरती की जाती है, जिसमें दीये, फूल, मिठाई, और फल अर्पित किए जाते हैं।
- ध्यान: भक्त गंगा के किनारे बैठकर ध्यान करते हैं, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
गंगा दशहरा की पौराणिक कथा
गंगा दशहरा से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, सत्य युग में राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया था, लेकिन इंद्र देव ने यज्ञ का घोड़ा चुरा लिया और ऋषि कपिल के आश्रम में छोड़ दिया। राजा सगर के पुत्र जब घोड़े को ढूंढते हुए वहां पहुंचे, तो उन्होंने गलती से ऋषि कपिल को दोषी समझा और उन पर हमला करने का प्रयास किया। इसके कारण ऋषि कपिल ने उन्हें श्राप दिया, जिससे वे सभी जलकर भस्म हो गए।
राजा सगर के वंशज, भागीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए कठिन तपस्या की ताकि उनके पूर्वजों की आत्माओं को मोक्ष मिल सके। उनकी तपस्या के फलस्वरूप, भगवान ब्रह्मा ने गंगा को धरती पर भेजने का वचन दिया, लेकिन गंगा का तेज प्रवाह पृथ्वी को नष्ट कर सकता था। इस समस्या का समाधान भगवान शिव ने किया, जिन्होंने गंगा के प्रवाह को अपने जटाओं में समेट लिया और धीरे-धीरे उसे धरती पर छोड़ा। इस प्रकार गंगा का अवतरण हुआ, जिससे राजा सगर के पूर्वजों की आत्माएं शुद्ध हो गईं।
गंगा दशहरा मनाने का तरीका
गंगा दशहरा के दिन, देश भर से लाखों श्रद्धालु वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज और ऋषिकेश जैसी जगहों पर पवित्र स्नान और ध्यान करने के लिए जाते हैं। इस दिन पितृ तर्पण का विशेष महत्व होता है, जिसमें अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए पूजा की जाती है। कई भक्त इस दिन अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए गंगा में दान और पूजा करते हैं। Ganga Dussehra 1950-2050
गंगा दशहरा के लिए महत्वपूर्ण बातें
- स्नान का महत्व: इस दिन पवित्र गंगा में स्नान करने से तन और मन की शुद्धि होती है। मान्यता है कि गंगा का जल सभी प्रकार के पापों को धो देता है।
- दान-पुण्य: गंगा दशहरा के दिन किया गया दान अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इस दिन लोग गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करते हैं।
- पितरों की पूजा: गंगा दशहरा का दिन अपने पितरों की आत्माओं की शांति के लिए भी खास है। गंगा के किनारे पिंडदान और तर्पण करने से उनके मोक्ष की प्राप्ति होती है। Ganga Dussehra 1950-2050 |
गंगा दशहरा के दिन कौन से शुभ कार्य करें
इस दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। नए घर में प्रवेश, व्यापार की शुरुआत, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए यह दिन श्रेष्ठ होता है। साथ ही, इस दिन देवी गंगा की आराधना से सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
गंगा दशहरा (1950 से 2050 तक)
1950 | शनिवार, 27 मई 1950 |
1951 | शुक्रवार, 15 जून 1951 |
1952 | मंगलवार, 03 जून 1952 |
1953 | रविवार, 21 जून 1953 |
1954 | गुरुवार, 10 जून 1954 |
1955 | सोमवार, 30 मई 1955 |
1956 | रविवार, 17 जून 1956 |
1957 | शुक्रवार, 07 जून 1957 |
1958 | बुधवार, 28 मई 1958 |
1959 | मंगलवार, 16 जून 1959 |
1960 | शनिवार, 04 जून 1960 |
1961 | शुक्रवार, 23 जून 1961 |
1962 | मंगलवार, 12 जून 1962 |
1963 | शनिवार, 01 जून 1963 |
1964 | शुक्रवार, 19 जून 1964 |
1965 | मंगलवार, 08 जून 1965 |
1966 | रविवार, 29 मई 1966 |
1967 | शनिवार, 17 जून 1967 |
1968 | गुरुवार, 06 जून 1968 |
1969 | सोमवार, 26 मई 1969 |
1970 | रविवार, 14 जून 1970 |
1971 | गुरुवार, 03 जून 1971 |
1972 | बुधवार, 21 जून 1972 |
1973 | रविवार, 10 जून 1973 |
1974 | गुरुवार, 30 मई 1974 |
1975 | बुधवार, 18 जून 1975 |
1976 | सोमवार, 07 जून 1976 |
1977 | शनिवार, 28 मई 1977 |
1978 | शुक्रवार, 16 जून 1978 |
1979 | मंगलवार, 05 जून 1979 |
1980 | रविवार, 22 जून 1980 |
1981 | गुरुवार, 11 जून 1981 |
1982 | मंगलवार, 01 जून 1982 |
1983 | सोमवार, 20 जून 1983 |
1984 | शुक्रवार, 08 जून 1984 |
1985 | बुधवार, 29 मई 1985 |
1986 | मंगलवार, 17 जून 1986 |
1987 | रविवार, 07 जून 1987 |
1988 | शुक्रवार, 24 जून 1988 |
1989 | मंगलवार, 13 जून 1989 |
1990 | शनिवार, 02 जून 1990 |
1991 | शुक्रवार, 21 जून 1991 |
1992 | बुधवार, 10 जून 1992 |
1993 | रविवार, 30 मई 1993 |
1994 | शनिवार, 18 जून 1994 |
1995 | गुरुवार, 08 जून 1995 |
1996 | सोमवार, 27 मई 1996 |
1997 | रविवार, 15 जून 1997 |
1998 | गुरुवार, 04 जून 1998 |
1999 | बुधवार, 23 जून 1999 |
2000 | रविवार, 11 जून 2000 |
2001 | शुक्रवार, 01 जून 2001 |
2002 | गुरुवार, 20 जून 2002 |
2003 | मंगलवार, 10 जून 2003 |
2004 | शनिवार, 29 मई 2004 |
2005 | शुक्रवार, 17 जून 2005 |
2006 | मंगलवार, 06 जून 2006 |
2007 | रविवार, 24 जून 2007 |
2008 | गुरुवार, 12 जून 2008 |
2009 | मंगलवार, 02 जून 2009 |
2010 | सोमवार, 21 जून 2010 |
2011 | शनिवार, 11 जून 2011 |
2012 | गुरुवार, 31 मई 2012 |
2013 | मंगलवार, 18 जून 2013 |
2014 | रविवार, 08 जून 2014 |
2015 | गुरुवार, 28 मई 2015 |
2016 | मंगलवार, 14 जून 2016 |
2017 | शनिवार, 03 जून 2017 |
2018 | शुक्रवार, 22 जून 2018 |
2019 | बुधवार, 12 जून 2019 |
2020 | सोमवार, 01 जून 2020 |
2021 | रविवार, 20 जून 2021 |
2022 | गुरुवार, 09 जून 2022 |
2023 | मंगलवार, 30 मई 2023 |
2024 | रविवार, 16 जून 2024 |
2025 | गुरुवार, 05 जून 2025 |
2026 | बुधवार, 24 जून 2026 |
2027 | रविवार, 13 जून 2027 |
2028 | शुक्रवार, 02 जून 2028 |
2029 | गुरुवार, 21 जून 2029 |
2030 | मंगलवार, 11 जून 2030 |
2031 | शनिवार, 31 मई 2031 |
2032 | शुक्रवार, 18 जून 2032 |
2033 | मंगलवार, 07 जून 2033 |
2034 | शनिवार, 27 मई 2034 |
2035 | शुक्रवार, 15 जून 2035 |
2036 | मंगलवार, 03 जून 2036 |
2037 | सोमवार, 22 जून 2037 |
2038 | शनिवार, 12 जून 2038 |
2039 | गुरुवार, 02 जून 2039 |
2040 | बुधवार, 20 जून 2040 |
2041 | रविवार, 09 जून 2041 |
2042 | गुरुवार, 29 मई 2042 |
2043 | मंगलवार, 16 जून 2043 |
2044 | रविवार, 05 जून 2044 |
2045 | शुक्रवार, 23 जून 2045 |
2046 | बुधवार, 13 जून 2046 |
2047 | सोमवार, 03 जून 2047 |
2048 | रविवार, 21 जून 2048 |
2049 | शुक्रवार, 11 जून 2049 |
2050 | मंगलवार, 31 मई 2050 |
Table of Contents
Ganga Dussehra 1950-2050 | Ganga Dussehra 1950-2050 | Ganga Dussehra 1950-2050 | Ganga Dussehra 1950-2050 | Ganga Dussehra 1950-2050